Varanasi Latest News :- वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद केस को लेकर ASI का क्या है बयान ? सभी को है हाई कोर्ट के फैसले के इंतज़ार। पढ़िए पूरी खबर।

Neha Gurung

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Varanasi Latest News :- आप सभी को जानकारी दे दे कि वाराणसी में एक मस्जिद को ले कर भारतीय लोगो में काफी ज़्यादा वाद विवाद हो रहा है। अंजुमन इन्तमसजिद मसाजिद कमेटी जो कि वाराणसी में एक काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है। आप सभी को बता दे कि वाराणसी में काफी समय पहले ही एक मंदिर बनाया गया था। जहाँ ओरंगजेब अपने शासन काल द्वारा मंदिर को हटा कर मस्जिद बनवाया गया था। वही एक रिपोर्ट के अनुसार हिन्दुओं का कहना है कि यह मस्जिद हिन्दुओं के मंदिर के ऊपर बनाई गयी है।

आप सभी को बता दे कि हिन्दुओं ने इस पर कहा है कि वह इस मस्जिद को तोड़ कर फिर से अपनी जगह पर मंदिर का निर्माण करना चाहते है। इस पर मुस्लिम कहते है कि सुप्रीम कोर्ट का या फिर 1991 से जुड़े सभी मामले सुनवाई करेंगे तब ही मुस्लिम पक्ष अपने विचार पेश करेंगे। इस के उपरक्त वह मस्जिद को किसी को भी हाथ तक भी नहीं लगाने देंगे। वही आप को बता दे कि ज्ञानवापी मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के अध्यन करने वाली वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि ASI को इस मस्जिद के अंदर एक मंदिर के अवशेष मिले है।

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वही यह भी उन के द्वारा कहा गया कि यह मस्जिद ओरंगजेब द्वारा बनाई गयी थी। विष्णु शंकर जैन ने यह भी दावा किया कि दो तनखानो में हिन्दू धर्म के देवी देवताओ के मूर्तियों के अवशेष पाए गए है। रिपोर्ट्स के आधार पर जैन यह कहते है कि मस्जिद के निर्माण के लिए पहले से ही वहां मौजूद मंदिर में पुन : उपयोग किया गया था। उन्होंने यह कहा कि ASI ने कहा के वहां पहले से ही मौजूदा ढाँचे के निर्माण से पहला वहां एक बड़ा हिन्दू मंदिर था। दीवारों पर सजाये गए सांचे, बड़ा सजाया हुआ प्रवेश द्वार, तथा एक छोटा प्रवेश द्वार, अंदर और बाहर सजाने के लिए –

Varanasi Latest News :- वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद केस को लेकर ASI का क्या है बयान ? सभी को है हाई कोर्ट के फैसले के इंतज़ार। पढ़िए पूरी खबर।

नक्काशी किये गए पक्षियों और जानवरो से पता चलता है कि पछमी दिवार एक हिन्दू मंदिर का शेष है।वही एक कमरे के अंदर पाए गए अरबी फ़ारसी शिलालेख में उल्लेख है कि इस मस्जिद का निर्माण ओरंगजेब के साशनकाल में किया गया था। इसी लिए ऐसा लग रहा है कि पहले से ही वहां मौजूदा सरचना 17वीं शताब्दी में पूरी तरह से नष्ट हो गयी थी। वही शिलालेख, कला और मूर्तियों को मद्दे नज़र रखते हुए यह कहा जा सकता है कि वहां पर मौजूद सरचना कि वहां पहले एक हिन्दू मंदिर मौजूद था।

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वही वकील द्वारा यह भी कहा गया कि जांच के दौरान देवनागरी, ग्रन्थ, तेलुगु और साथ ही कन्नड़ लिपियों में लिखे गए 32 शिला लेख पाए गए है। इसी बीच में BJP के नेता गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मुस्लिम को मस्जिद हिन्दियों को हवाले कर देनी चाहिए। वही भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के मंत्री प्रहलद पटेल ने कहा कि दुनिया को ASI द्वार दिए गए परमानों को स्वीकार करना चाहिए। वही अब भारत में इसी बात को ले कर काफी ज़्यादा चर्चा चल रही है।

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