Amul Golden Jubilee Event :- गुजरात में अमूल के 50 साल पुरे हो जाने की ख़ुशी में आयोजित किया गया था समारोह। जानिए “अमूल” की नींव कैसे रखी गयी थी।

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Amul Golden Jubilee Event :-

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की अमूल को 50 साल पुरे हो गए है। अमूल एक बहुत ही बड़ा तथा जाना माना है। अमूल से बहुत से प्रोडक्ट्स बनाये जाते है। दुनिया भर में अमूल का काफी ज्यादा नाम है। आज कल बहुत से खाने पिने के प्रोडक्ट्स है जो मॉल से तैयार किये जाते है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की 22 फरवरी को अमूल को 50 साल पुरे हो गए है। इस ख़ुशी में एक बहुत ही बड़ा आयोजन किया गया था तथा इस आयोजन में देश विदेश के लोग शामिल हुए थे। भारत के प्रधान मंत्री मोदी जी भी समारोह का हिस्सा बने हुए थे।

आपको बता दे की अमूल के 50 साल पुरे होने की ख़ुशी में गुजरात में एक बहुत ही बड़ा आयोजन किया गया था। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की अमूल ब्रांड “गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन” के अधीन है। इसआपको बता दे किइस समारोह के तैयारियां कई दिनों पहले से ही की जा रही थी। ये एक विशाल समारोह था जिसमे बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। आपको बता दे की इस समारोह में बहुत से किसान भी सम्मिलित हुए थे।

आपको बता दे की समारोह में नरेंद्र मोदी के अलावा कई और भी नेता शामिल हुए थे। इस कार्यकर्म की शुरुवात करते हुए नरेंद्र मोदी जी ने अमूल की काफी ज्याद तारीफ की तथा खा की आज के समय में अमूल एक जाना मान ब्रैंड बन गया है। आज इसे किसी भी नाम की आवश्यकता नहीं है। इस ने दुनिया भर में काफी ज्यादा नाम कमा लिए है। मोदी जी ने कहा की आज के समय में कोई भी ऐसा बच्चा या बुजुर्ग नहीं होगा जिसे अमूल ब्रांड के बारे में जानकारी न हो।

Amul Golden Jubilee Event :- गुजरात में अमूल के 50 साल पुरे हो जाने की ख़ुशी में आयोजित किया गया था समारोह। जानिए "अमूल" की नींव कैसे रखी गयी थी।

अमूल की शुरुवात भारत के आजाद होने से पहले ही की गयी थी तथा तब किसी ने सोचा भी नहीं था की एक दिन अमूल को दनिया भर में इतनी ज्यादा प्रसिद्धि मिलेगी। आपको बता दे की अमूल नंबर 1 ब्रांड है। आज दुनिया भर में अमूल के प्रोडक्ट्स की मांग है। लोग अमूल से बने प्रोडक्ट्स को काफी ज्यादा पसंद करते है। लोगो को अमूल पर काफी ज्याद विस्वास है की इसके प्रोडूसटस में किसी भी तरह की मिलावट नहीं होती है।

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अमूल से केवल धूल ही नहीं बल्कि खाने पिने की बहुत सी चीजों को तैयार किया जाता है तथा लोगो में इसकी डिमांड भी काफी ज्यादा है। आपको बता दे की अमूल से दूध, मक्खन, पनीर, आइसक्रीम, चॉकलेट, घी तथा बहुत सी मिठाईया भी बनाई जाती है। आपको बता दे की नरेंद्र मोदी जी ने कहा की गुजरात के लोगो ने आज के 50 साल पहले जिस पौधे की बीज बोया था आज वो पौधा एक बहुत ही बड़ा तथा विशाल वृक्ष बन गया है जिसकी पहचान न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में हो गयी है। आपको बता दे की अमूल पूरी दुनिया की सबसे बड़ी 8वीं डेरी कंपनी है।

आपको बता दे की मोदी जी ने इस बात की गारंटी दी है की कुछ ही सालो में वो अमूल को दुनिया का नंबर 1 ब्रांड बना देंगे। आज हम आपको बताएंगे की अमूल की शुरुवात कैसे हुई। अमूल का सफर भी ही अच्छा रहा। इसने इन 50 सालो में काफी ज्यादा सफलता हासिल की है। इसकी शुरुवात आज के 77 साल पहले हुई थी। आपको बता दे की इसकी स्थापना 1946 में की गयी थी। आपको बता दे की अमूल की संस्था गुजरात के आणद में स्थित है।

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की इसकी शुरुवात से पहले दूध के व्यापारी अपना दूध किसी बीच के व्यक्ति को बेचते थे। इन बीच के व्यक्तियो की बजहा से लोगो को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था जिस कारन सभी ने मिल कर इस बात की योजना बनाई की क्यों न एक डेरी की स्थापना की जाये। इसलिए इस संस्था की स्थापना की गयी। इससे लोगो को काफी ज्यादा लाभ होने लगा था।

Amul Golden Jubilee Event :- गुजरात में अमूल के 50 साल पुरे हो जाने की ख़ुशी में आयोजित किया गया था समारोह। जानिए "अमूल" की नींव कैसे रखी गयी थी।

आपकी जनकारी के लिए हम आपको बता दे की जब देश की आजादी के लिए बहुत से कार्यकर्म चलाये जा रहे थे उसी समय अमूल की स्थापना के बारे में भी फैसला लिया गया था। आपको बता दे की गुजरात के बहुत से किसान थे जो दलालो के बिच फसे हुए थे। गुजरात के बहुत से किसान थे जो पशुपालन किया करते थे। उनके पास बहुत सी गाय तथा भेंसे थी वो उनके दूध को बेच कर अपना गुजारा किये करते थे परंत बहुत से ऐसे स्वार्थी लोग उस समय थे जो मासूम किसानो से सस्ते दामों पर दूध खरीद लिया करते थे।

परन्तु आगे जाकर बड़े बड़े लोगो को वो महंगे दामों पर दूध बेचते थे जिस कारन किसानो को कोई भी लाभ नहीं होता था तथा उनका नुकसान ही होता था। दूध का उत्पादन काफी अच्छा होता था परन्तु ठेकेदारों के हाथो में फशे होने के कारन उन्हें कई समस्याओ का सामना भी करना पड़ता था। लोग इस ठेकेदारो से काफी ज्यादा परेशान हो गए थे। ठेकेदारो से तंग होने जाने के कारन “कैरा” के किसानो ने इस के विरुद्ध आवाज उठाना शुरू कर दिया। क्युकी अब वो इस बात को बहुत ही अच्छी तरह से समझ गए थे की जब तक वो इसका विरोध नहीं करेंगे कुछ भी नहीं हो सकता है।

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आपको बता दे की सभी किसानो ने मिलकर एक बहुत बड़ा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस प्रदर्शन में में “सरदार वल्लभभाई पटेल” ने एहम भूमिका निभाई थी। सभी किसानो ने मिलकर “सहकारी समिति की स्थापना की तथा इसका नाम रखा गया “कैरा जिला कोऑपरेटिव दूध उत्पादम संगठन” . आपको बता दे की इसके प्रोडक्ट्स आज अमूल के नाम से पूरी दुनिया कम बहुत ही तजि से बिक रहे है। आज सभी लोग अमूल के दूध का ही उपयोग करना सही समझते है।

आपको जान कर बहुत ही ज्यादा हैरानी होगी की एक ही दिन में GCMMF 18,600 गाँव से तक़रीबन 2 करोड़ 46 लाख लीटर से भी अधिक दूध इकठ्ठा करता है। आपको बता दे की एक दिन में अमूल कंपनी लगभग 150 लाख लीटर दूध की सेल करती है। इसके साथ ही बता दे की सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही एक दिन में 40 लाख लीटर दूध की सेल की जाती है।

Amul Golden Jubilee Event :- गुजरात में अमूल के 50 साल पुरे हो जाने की ख़ुशी में आयोजित किया गया था समारोह। जानिए "अमूल" की नींव कैसे रखी गयी थी।

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