Ravidas jayanti :-
आप सभी को रविदास जयंती की बहुत बहुत शुभकामनाएं। आप सभी की जानकारी के लिए हम आपको बता दे की आज रविदास जयंती है। रविदास जयंती को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन के प्रति वाल्मीकि लोगो की बहुत ही ज्यादा श्रद्धा होती है। इस दिन को बहुत ही अच्छी तरह से मानते है। आज के दिन लोगो का उत्साह देखने वाला होता है। इस दिन की बात ही कुछ और होती है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की इस दिन स्थान स्थान पर भजन कीर्तन किये जाते है तथा लंगर लगाए जाते है।
आज के दिन वाल्मीकि लोगो में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है। आपको हम बता दे की इस दिन सभी स्कूलों तथा कॉलेजों में बच्चो की छुट्टी होती है। सभी सरकारी तथा गैर सरकारी स्कूल बंद रहते है। सभी शहरों में इस दिन को बहुत ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। आइये तो अब हम आपको रविदास जयंती के इतिहास के बारे में बताते है की आखिर क्यों रविदास जयंती मनाई जाती है। इस दिन के इतिहास के बारे में जानने के लिए जुड़े रहिये हमारे साथ।
Ravidas jayanti History :-
आइये तो अब हम आपको बताते है की आखिर रविदास जयंती का इतना ज्यादा महत्व क्यों है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की भारत की धरती पर बहुत से महानपुरुषो में जन्म लिया है। बहुत से साधु संतो तथा कई देश के लिए अपना प्राण दे देने वाले लोगो ने इस भारतीय धरती पर जन्म लिया है। उन महान लोगो में से एक महान व्यक्ति गुरु रविदास जी है। आपको बता दे की गुरु रविदास जी बहुत ही महान संत थे। आपको बता दे की रविदास जे ने देश में शांति बनाने तथा लोगो के बीच के आपसी भेदभाव को दूर करने के लिए अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी।
आपको बता दे की प्रत्येक वर्ष रविदास जी के महान कार्यो की याद में तथा उनके जन्म दिन के अवसर पर पूर्णिमा के दिन उनकी जयंती को बहुत ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। गुरु जी ने अपने उपदेशो से लोगो के जीवन में कई प्रकार के सुधार किये थे। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की गुरु जी का जन्म वर्ष 1377 में उत्तरप्रदेश के वाराणसी में हुआ था। आगरा हम बात के हिन्दू कलेण्डर की तो उसके हिसाब से गुरु जी का जन्म माघ महीने की पूर्णिमा को हुआ था। यही कारन है की हर साल पूर्णिमा के दिन इनकी जयंती को मान्य जाता है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे की गुरु जी को कई और नामो में भी पुकारा जाता है। रैदास, रोहिदास, रुहिदास गुरु जी के ने नाम है। आपको बता दे की गुरु जी जन्म तिथि को लेकर कई तरह की मतभेद शामिल है। किसी को भी सही तरह से गुरु जी की जन्म तिथि के बारे में जानकारी नहीं है। शायद ही आप सभी को पता हो परन्तु आज हम आपको बता देते है की गुरु जी के जन्म तिथि के साथ एक दोहे को सम्बंधित किया गया है। “चौदस सौ तेंतीस की माघ सुदी पनद्रास। दुखियो के कल्याण हित परगटे श्री गुरु रविदास।”
इस दोहे का अर्थ है की गुरु जी का जन्म माघ मास की पूर्णिमा को एतवार के दिन 1433 में हुआ था। गुरु जी एक महान भक्त थे। वो भक्ति आंदोलन के एक रहस्य्वादी संत थे। आपको बता दे की जब गुरु जी का जन्म हुआ था तो लोगो में कई तरह के मतभेद पाए जाते थे। इंसान ही दूसरे इंसान का दुश्मन था। लोगो के बीच कई तरह के मतभेद पाए जाते थे। गुरु जी को ये सब रास नहीं आ रहा था इसलिए गुरु जी ने लोगो के आपसी एकता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने लोगो को सिखाया की किस प्रकार एक साथ मिल कर रहा जाता है।
आपको बता दे की गुरु जी की इन शिक्षाओ से सबसे ज्यादा वाल्मीकि लोग प्रभावित हुए थे। वाल्मीकि लोग में गुरु जी की शिक्षाओं के कारन काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिला था। आपको बता दे की आज भी वाल्मीकि लोग गुरु जी की शिक्षाओ का पूरा सम्मान करते है। आज के समय में सभी वाल्मीकि लोगो में काफी ज्यादा एकता देखने को मिलती है। वाल्मीकि लोग एकजुट बनाकर रहते है तथा का दूसरे की भावनाओ का सम्मान करते है। आपको बता दे की गुरु जी ने सदा ही लोगो का भला किया था। वो लोगो के किस प्रकार एक साथ मिल कर रहा जाता है। इस बारे में समझते थे।
गुरु जी ने बहुत से लोगो की सोच में बदलाव लाया था। जब तक गुरु जी जीवित थे सदा ही लोगो को सच्चाई के मार्ग पर चले की ही प्रेणा देते है। उनकी दी गयी शिक्षाओं के कारन आज लोगो में कई तरह के बदलाव देखने को मिले है। आपको बता दे की इस दिन का वाल्मीकि लोगो को बहुत ही ज्यादा बेसब्री से इंतजार रहता है। उन्हें जीवन में वाल्मीकि जयंती की एक अलग ही जगह है। इस दिन के लिए लोगो में कई दिनों पहले से ही उत्साह देखने को मिलता है।
How to Prevent From White Hair ? इन घरेलू नुक्सो को अपना कर आप कर सकते है अपने सफ़ेद बालो को काला।
लोग इस दिन के लिए कई दिनों पहले से ही तैयारियां करनी शुरू कर देते है। इस दिन लोगो में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। बहुत से लोग अपनी अपनी श्रद्धा के हिसाब से इस दिन लंगर लगाते है। आपको बता दे की भारत में गुरु जी की इस जयंती को धूम धाम से मानाने के लिए बहुत से लोग अलग अलग देशो से आते है। गुरु जी के कई भक्त नदियों में स्नान करते है तथा गुरु जी को याद करते है।
बहुत से लोग इस दिन अपने घरो में कीर्तन का आयोजन करते है तथा गुरु जी द्वारा दी गयी शिक्षाओं को याद करते है। गुरु रविदास जी का भारतीय इतिहास में एक बहुत ही महत्पूर्ण स्थान है। लोगो में गुरु जी का प्रति काफी ज्यादा श्रद्धा भावना है। गुरु जी परमात्मा को पाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता बताते थे वो थी परमात्मा के प्रति भक्ति भावना। गुरु जी एक एक मुहावरा काफी ज्यादा लोकप्रिय है। “मन चंगा तो कठौती में गंगा।’